Apartment act approval

अपार्टमेंट एक्ट मंजूरलखनऊ, जाब्यू : प्रदेश में पहली बार अपार्टमेंट कानून लागू होने जा रहा है। इससे अब कोई अपार्टमेंट प्रमोटर मनमानी नहीं कर सकेगा। स्थानीय अभिकरण जैसे विकास प्राधिकरण या आवास विकास परिषद का उसपर अंकुश रहेगा। अपार्टमेंट स्वामी क्रेता को कब्जा तभी दे सकेगा जब विक्रय विलेख (सेल डीड) की रजिस्ट्री हो जायेगी। कब्जा देने से पहले अभिकरणों से पूर्णता प्रमाणपत्र लेना होगा। इसके तहत 33 प्रतिशत अपार्टमेंट का हस्तांतरण होने पर कामन एरिया व सुविधाओं के रखरखाव के लिए अपार्टमेंट स्वामियों का एसोसिएशन बनाना जरूरी होगा। एसो. बनने तक उनके अनुरक्षण व रखरखाव का समानुपातिक दायित्व प्रमोटर का होगा। यह फैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया, जिसकी जानकारी कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि अध्यादेश शापिंग माल व मल्टीप्लेक्स को छोड़ ऐसे सभी प्रकार के भवनों पर लागू होगा, जिनमें दस अथवा उससे अधिक अपार्टमेंट होंगे। भवन में किस प्रकार की निर्माण सामग्री प्रयोग हो रही है और अग्निशमन विभाग की एनओसी, पानी, बिजली तथा सीवर की व्यवस्था की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। अनुमोदित मानचित्र से भिन्न निर्माण की दशा में बिजली एवं पानी के कनेक्शन को काटने का प्रावधान भी इसमें है। समय पर भवन निर्माण पूरा न होने, कब्जा देने में आनाकानी करने अथवा किश्तों की अदायगी समय से न होने पर अर्थदंड की व्यवस्था की गयी है। इस अध्यादेश के प्रावधानों के उल्लंघन पर प्रमोटर को एक साल की कैद या पांच लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों दंड भुगतना होगा। बार-बार और लगातार उल्लंघन पर 50 हजार जुर्माना तथा एक हजार रुपये प्रतिदिन की दर से अतिरिक्त दंड ब्याज देना होगा। इस अध्यादेश में राज्य सरकार को अलग से परिनियम बनाने का अधिकार है।

Source- in.jagran.yahoo.com