नोएडा एक्सटेंशन में अधर में लटके 10 हजार फ्लैट्स!


नोएडा एक्सटेंशन में अधर में लटके 10 हजार फ्लैट्स!

नोएडा। नोएडा एक्सटेंशन हजारों लोगों के लिए बड़ी टेंशन बन गया है। शाहबेरी गांव की जमीन लौटाने के हाई कोर्ट के आदेश और बिल्डरों के लुभावने वादों की पोल खुलने के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा है। जिन लोगों ने यहां फ्लैट बुक कराए हैं अब उन्हें इस बात की फिक्र सता रही है कि क्या उनके पैसे वापस मिलेंगे। किसानों के मुताबिक अथॉरिटी ने शाहबेरी गांव की जमीन का अधिग्रहण ये कहकर किया था कि यहां विदेशी कंपनी लगाई जानी है लेकिन अथॉरिटी ने बिल्डरों की मिलीभगत से ये जमीन हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए अलॉट कर दी।
जानकारी के मुताबिक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने यहां चार बिल्डरों आम्रपाली, सुपरटेक, महागुन और गौर संस को जमीन अलॉट की थी। लेकिन शाहबेरी गांव के 156 एकड़ जमीन के अधिग्रहण पर हाईकोर्ट ने सवाल उठाते हुए जमीन आवंटन को रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने जिस जमीन पर सवाल उठाया है उसमें आम्रपाली का स्मार्ट सिटी, सुपरटेक का इको विलेज फेज-टू का कुछ हिस्सा है। इनके अलावा महागुन ने अपने फ्यूचर प्रॉजेक्ट्स के लिए इसी गांव में जमीन ले रखी है और गौर संस के टाउनशिप का कुछ हिस्सा भी शाहबेरी में पड़ता है। ऐसे में यहां तैयार हो रहे करीब 10 हजार फ्लैट का निर्माण अधर में लटक गया है।

जाहिर है इस मामले के सामने आने के बाद ग्राहक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वहीं बिल्डरों का दावा है कि लोगों का पैसा नहीं फंसेगा। वो या तो मकान दूसरी जगह देने की पेशकश कर रहे हैं या फिर पैसे जल्द ही वापस करने को कह रहे हैं। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी शाहबेरी गांव के किसानों को ज्यादा मुआवजा देकर जमीन देने के लिए मनाने की कोशिश में जुटी है। लेकिन ये कोशिश पिछले एक महीने से की जा रही थी और इस बीच हाईकोर्ट के फैसले के बाद जमीन का ये विवाद लंबा खिंचता नजर आ रहा है।

नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी गांव के किसान जमीन अधिग्रहण के विरोध में यूं ही कोर्ट नहीं चले गए। इसकी बड़ी वजह है जमीन के बदले मिला मुआवजा। नोएडा एक्सटेंशन में जमीन देने वाले किसानों को अथॉरिटी से जो कीमत मिली उससे दस गुना ज्यादा कीमत नोएडा एक्सटेंशन से सटे गाजियाबाद में क्रॉसिंग रिपब्लिक नाम की टाउनशिप के लिए जमीन देने वाले किसानों को मिली। फर्क सिर्फ इतना था कि गाजियाबाद के इन किसानों ने अपनी जमीन सीधे बिल्डर को बेची थी।
गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में बिल्डरों के लिए सरकार ने जमीन का अधिग्रहण नहीं किया। बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीदने के लिए सीधे-सीधे बाजार भाव में डीलिंग की। ऐसे में डुन्डाहेड़ा गांव के कुछ किसानों ने तो क्रासिंग रिपब्लिक को अपनी जमीन 17 हजार प्रति वर्ग मीटर से ज्यादा की कीमत पर बेची। जिसके बाद नोएडा एक्सटेंशन के किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि यहां भी वही बिल्डर हाउसिंग सोसायटी बना रहे हैं। जिन्होंने क्रॉसिंग रिपब्लिक में इमारतें खड़ी की।
मालूम हो कि नोएडा एनसीआर में आए प्रॉपर्टी बूम के चलते लोग अपने घर का सपना फ्लैट खरीद कर पूरा तो कर रहे हैं लेकिन इसके साथ की प्रॉपर्टी से जुड़े फर्जीवाड़े के मामलों में भी बाढ़ सी आ गई है। पिछले एक साल में आधा दर्जन से भी अधिक नामी गिरामी बिल्डरों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले या तो थानो में या फिर कोर्ट में पहुंच चुके हैं।
Source: http://khabar.ibnlive.in.com/news/53042/3/19

ग्रेटर  नोएडा।। जमीन अधिग्रहण प्रतिरोध आंदोलन के विरोध-प्रदर्शनों का असर अब दिखने लगा है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए एक नया फॉर्म्युला तैयार किया है। इस फॉर्म्युले पर विमर्श के लिए अथॉरिटी के सीईओ ने किसानों को गुरुवार को वार्ता के लिए बुलाया है।

सूत्रों के अनुसार सरकार ने अथॉरिटी और प्रशासनिक अफसरों को एक्सटेंशन के टेंशन को जल्द खत्म करने के निर्देश दिए हैं। अगर बातचीत से बात नहीं बनी तो अधिकारी किसानों के पास जाकर उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे। सरकार की मंशा के मद्देनजर अफसरों ने किसानों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।
ग्रेनो अथॉरिटी के सीनियर अफसरों ने एसी कमरों से निकलकर गांवों का दौरा करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को अथॉरिटी के कई अफसर किसानों की आबादी और अधिग्रहण की समस्या के निपटारे के संबंध में बातचीत के लिए गांव शाहबेरी पहुंचे। उन्होंने गांव में अधिग्रहण से मुक्त की गई आबादी की लिस्ट लगाई। अफसरों के दावे और वादों पर विचार करने के लिए बुधवार को शाहबेरी में किसानों ने पंचायत की।
वहीं, एडीएम (प्रशासन) ओ. पी. आर्य और एसपी देहात ने बुधवार को सूरजपुर स्थित एसपी ऑफिस में जमीन अधिग्रहण प्रतिरोध आंदोलन के संयोजक सरदाराम भाटी व प्रवक्ता डॉ. रूपेश वर्मा के साथ मीटिंग की। मीटिंग में एडीएम ने उन्हें अथॉरिटी के सीईओ के हवाले से एक नया फॉर्म्युला तैयार होने की जानकारी दी। डॉ. रूपेश वर्मा ने बताया कि सीईओ ने किसानों को वार्ता के लिए गुरुवार को दो बजे अथॉरिटी ऑफिस बुलाया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की सभी किसान कमिटियों को इसकी सूचना दे दी गई है। अगर किसान अथॉरिटी के फॉर्म्युले पर राजी हो गए तो उनका आंदोलन समाप्त हो जाएगा।

हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद/नोएडा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगातार दूसरे दिन ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को झटका दिया। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गौतमबुद्धनगर जिले की दादरी तहसील में सूरजपुर गांव की 72 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण भी रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी एवं न्यायमूर्ति काशीनाथ पांडेय की खंडपीठ ने आरपी इलेक्ट्रानिक्स व अन्य की 42 याचिकाओं को मंजूर करते हुए अधिग्रहण को रद्द किया।
कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से अधिग्रहण की अधिसूचना जारी करके जमीन मालिकों को सुनवाई का मौका देते हुए उनकी आपत्तियां निस्तारित करने की  भी छूट दे दी है। गौरतलब है कि गुरुवार को भी हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन के लिए शाहबेरी गांव की 159 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण रद कर दिया था।
हाईकोर्ट में याचियों ने कहा कि राज्य सरकार ने अधिग्रहण को अर्जेट बताते हुए उन्हें पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 15 जनवरी व 28 अगस्त 2009 की अधिसूचनाओं को रद्द करते हुए कहा कि ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक विकास का प्रस्ताव दो वर्षो तक लंबित रहा। इस दौरान राज्य सरकार सिर्फ प्रत्यावेदन पर विचार करती रही। इस प्रकार अधिग्रहण की पूरी कार्रवाई मनमानीपूर्ण रही। 
नहीं हुआ आवंटन
सूरजपुर में जमीन अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जनवरी 2009 में शुरू हुई थी। वर्ष के अंत तक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 48 हेक्टेयर जमीन पर किसानों से कब्जा भी ले लिया था। अथॉरिटी का इस जमीन के अधिग्रहण का उद्देश्य औद्योगिक विकास था। हालांकि कब्जा लेने के बाद भी अथॉरिटी कोई स्कीम लांच नहीं कर सकी जिससे जमीन का आवंटन नहीं हो सका।

http://www.livehindustan.com/news/desh/today-news/article1-story-39-329-171101.html

उखड़ने लगे तंबू, गायब हुए बुकिंग बूथ

नोएडा वरिष्ठ संवाददाता। शुक्रवार को नोएडा एक्सटेंशन के बुकिंग बूथ खाली थे। कई जगहों पर कोर्ट के फैसले से प्रभावित प्रोजेक्ट के तंबू उखड़ गए। बुकिंग करने वाले गायब थे। बीते तीन सालों से प्रॉपर्टी में हॉट रहे नोएडा एक्सटेंशन के बूम पर ब्रेक लग गया है। हाईकोर्ट के फैसले का असर अगले दिन नोएडा एक्सटेंशन में दिखाई दिया।

आम्रपाली स्मार्ट सिटी और महागुन मायरा में काम रोक दिया गया। महागुन में विला के लिए बेसमेंट का काम चल रहा है। नोएडा से नोएडा एक्सटेंशन के रास्ते पर करीब 150 बुकिंग बूथ बनाए गए हैं। बीते दिनों में यह बुकिंग बूथ गुलजार रहते थे। नोएडा एक्सटेंशन की तरफ जाने वाली सभी गाड़ियों को हाथ देकर अपना ब्रोशर थमाया जाता था।
शुक्रवार को नजारा बदला हुआ था। अचानाक बुकिंग बूथ खाली हो गए। स्मार्ट सिटी पर तंबू उखाड़ दिया गया। महागुन मायरा में बेसमेंट का काम रोक दिया गया है। कंसट्रेक्शन से जुडे लोग मार्केटिंग दफ्तर में बैठे थे। कल तक हॉट नोएडा एक्सटेंशन के बूम को अचानक ब्रेक लग गया। फैसले से बाहर दूसरे प्रोजेक्ट पर भी इसका असर दिखाई दिया।
बुकिंग बूथ सूने थे। उनके निवेशक भी फ्लैट का स्टेट्स जान रहे थे। इटैडा के पास बुकिंग बूथ पर बैठे श्याम ने बताया कि आज कोई बुकिंग कराने वाला नहीं आया। कुछ बड़े बिल्डरों के पास अपने फ्लैट के स्टेट्स को लेकर क्वेरी आई हैं। छोटे बिल्डरों के प्रोजेक्ट पर इस फैसले का बड़ा असर पड़ेगा। पहले ब्याज दरों में हुआ इजाफा और अब हाईकोर्ट का फैसला नोएडा एक्सटेंशन के प्रोपर्टी बूम को ठंड़ा कर देगा.